बिना बैंड देखे अगर 5G फोन खरीदा तो 'बाजा' नहीं बजेगा बाबू! #reels #shorts #5g #jio5g #airtel5g



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चलिए, आपको एक अच्छी बात बताते हैं. 5G दुनिया में सबसे तेजी से हमारे देश में बढ़ रहा है. कहने का मतलब, लॉन्च होने के बाद 5G बढ़ने की रफ्तार तकरीबन 5G जैसी है. इसका मतलब है कि जल्द ही 5G देश के हर कोने में पहुंच जाएगा. अब ऐसे में एक अदद 5G स्मार्टफोन (5G Smartphone) की जरूरत तो आपको पड़ेगी ही. ऐसे में जानते है कि एक 5G फोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. ताकि ऐसा ना हो कि 5G फोन तो ले लिया लेकिन उसमें नेटवर्क ही नहीं आता.

जितने ज्यादा बैंड, उतना अच्छा बाजा
5G फोन खरीदते समय अगर उसके बैंड्स का ध्यान नहीं दिया तो दिक्कत हो सकती है. ऐसा हो सकता है कि फोन एयरटेल 5G में काम करें और जियो में नहीं, या जियो 5G सर्विस में काम करे तो एयरटेल में नहीं. जियो और एयरटेल ने अपनी 5G सर्विस दो अलग-अलग 5G बैंड और 5G टेक्नोलॉजी पर पेश की है. एक ने 5G SA सर्विस पेश की है तो दूसरे ने 5G NSA. इसके साथ ही बैंड भी अलग हैं. वैसे तो ज्यादातर फोन दोनों नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं, लेकिन खरीदारी से पहले आपको 5G बैंड के बारे में जानना जरूरी है.

फोन के डिब्बे से लेकर वेबसाइट पर जो स्पेसिफिकेशन दिए होते हैं, उनमें बैंड की पूरी जानकारी होती है. भारत में 5G सर्विस के लिए 12 फ्रीक्वेंसी बैंड को नीलामी में रखा गया था. जैसे n71 (600MHz), n28 (700MHz), n20 (800MHz), n5 (850MHz), n8 (900MHz). आपको नया 5G फोन लेते समय ध्यान रखना है कि उसमें N28, N77 और 78 बैंड का सपोर्ट होना ही चाहिए. इससे ज्यादा जो मिल रहा तो चिंता नहीं करनी है. किसी का भी सिम होगा, स्पीड फर्राटा भरेगी.

नैनो चिप जितनी छोटी, परफॉर्मेंस उतना बड़ा
फोन की असली ताकत है उसका प्रोसेसर. एक छोटी सी चिप सारे खेल की असल खिलाड़ी है. इसका नाम है नैनो चिप, जिसको nm के नाम से जाना जाता है. एक स्मार्टफोन में ये चिप 10 nm, 12 nm, 7nm या किसी और नंबर की हो सकती है. CPU में, nm का उपयोग प्रोसेसर बनाने वाले ट्रांजिस्टर के आकार को मापने के लिए किया जाता है. एक CPU में अरबों ट्रांजिस्टर होते हैं. ट्रांजिस्टर का आकार जितना छोटा, तो उनके बीच की दूरी भी उतनी ही कम. इस कम दूरी का मतलब है कि इलेक्ट्रिक सिग्नल तेजी से यात्रा करेंगे. आपको सिर्फ इतना देखना है कि ये नैनो चिप जितनी छोटी होगी उतना बढ़िया रहेगा. यहां बड़ा है तो बेहतर है वाला सिद्धांत काम नहीं आता. 6nm या 5nm जितना कम, फोन का परफॉर्मेंस उतना मक्खन.

बैटरी की क्षमता
स्मार्टफोन में बैटरी एक ऐसा जरूरी फीचर है, जो कितना भी हो कम ही लगता है. ऐसे में अगर आप 5G फोन लेने जा रहे हैं, तो इसकी क्षमता का खयाल रखना बेहद जरूरी है. कम से कम 5000 mAh. ऐसा इसलिए क्योंकि 5G जब आपके फोन में होगा तो इस्तेमाल अपने आप ही बढ़ जाता है. आमतौर पर स्पीड इतनी अच्छी मिलती है कि वीडियो से लेकर सोशल मीडिया पर उंगलियां चलती ही जाती हैं. इसलिए बड़ी बैटरी होना अच्छा है.

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